संदेश

दिसंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

महात्मा गांधी को कितनी बार मारोगे ??? अब और नही...

चित्र
गांधी को फिर मरने नही देंगे। गांधी भगवान नहीं, अवतार नही, नबी नही, जीसस भी नही है। वो एक मामूली इंसान थे। कुछ सोचता थे, बोलता थे.. लोग सुनते थे, मान जाते थे, या नही भी मानते थे। फिर भी हम गांधी को पूजते हैं।  मन्दिर में नही, हृदय में.. माना कि गांधी ईश्वर नही, माना वह आलोचना से परे नहीं। क्यो हो, हम तो यहाँ ईश्वर की भी आलोचना करते है। श्रीराम द्वारा बाली को छुपकर मारने पर, स्त्री के त्याग पर। टिप्पणी कृष्ण पर भी करते हैं, सम्विधान पर भी।  आलोचना से परे तो कोई नही। गांधी भी नही।  पर तय तो हो के आलोचना किस बात की करेंगे? क्या सत्य बोलने के आग्रह पर, क्या अहिंसा के प्रण पर?क्या हम भरोसे, मुस्कान, प्रेम और एकता के विचार के लिए गांधी का विरोध करेंगे,या भाईचारे के आग्रह पर? हो कहाँ पाता है आपसे। आप जब झूठ फैलाते है, तो खुद ही उसे "असली सच" का नाम देते हैं जब गांधी की शिक्षाओं से, उनके असर और व्यक्तित्व से न लड़ सके, तो आपने गांधी को ही खत्म कर दिया।  इस उम्मीद में कि विचारों का ये झरना मिट जाए। वो गोडसे जो कर गया, कुछ अधूरा रह गया। लेकिन गांधी नही मिटा, वो बड़ा हो गया।

सोशल मिडिया उपयोग करने का तरीका क्या है ?

चित्र
सोशल मीडिया से आशय पारस्परिक संबंध के लिए अंतर्जाल या अन्य माध्यमों द्वारा निर्मित आभासी समूहों से है। यह व्यक्तियों और समुदायों के साझा, सहभागी बनाने का माध्यम है। शोसल मीडिया क्या है ? ये किसी को समझाने की जरूरत नही लग रही. क्योंकि आज विश्व के बड़े बड़े देश, भारत के बड़े शहर से लेकर छोटे छोटे गांव तक हर किसी के हाथ में मोबाइल फोन उपलब्ध है. शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा की वो अपने मोबाइल में सोशल एप्स का उपयोग न करता हो. उसमे भी ज्यादातर बुजुर्ग लोग ही होंगे. इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को Social Media क्या होता है और ये किस तरह से हमारे जीवन का एक मुख्य हिस्सा बन गया है इसी के बारे में जानेंगे. बस इसी चीज़ के विषय में पूर्ण जानकरी देने के लिए आज मैंने ये Topic का चुनाव किया है, तो फिर देरी किस बात की चलिए शुरू करते हैं. लोकप्रियता के प्रसार में सोशल मीडिया एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म है, जहां व्यक्ति स्वयं को अथवा अपने किसी उत्पाद को ज्यादा लोकप्रिय बना सकता है। आज फिल्मों के ट्रेलर, टीवी प्रोग्राम का प्रसारण भी सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है। वीडियो तथा ऑडि

गुजरात में राजनैतिक भूचाल, क्या कोंग्रेस की होगी सत्ता वापसी ? भाजपा को मिलेगा सन्यास ?

चित्र
गुजरात की राजनीति में भूचाल...! क्या कोंग्रेस की होगी सत्ता वापसी ??? भाजपा का होगा बुरा हाल ??? आने वाले साल में गुजरात विधानसभा का चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे वैसे राजनैतिक गतिविधियां तेज होने लगी है. कुछ दिन पहले गुजरात के प्रदेश प्रमुख के तौर पर जगदीश ठाकोर को कोंग्रेस द्वारा नियुक्त किया गया. जगदीश ठाकोर जमीनी कार्यकर्ता से जुड़े हुए नेता है. संगठन की ताकत को अच्छी तरह समझते है. जैसे ही उनके नाम की घोषणा हुई भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है. क्योंकि ठाकोर समाज के प्रदेश प्रमुख बनते ही जगदीश ठाकोर ने अल्पेश ठाकोर के कोंग्रेस में लाल जाजम बिछी हुई होने के संकेत दे दिए है. वैसे ही पिछले सप्ताह गुजरात कोंग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रमुख भरतसिंह सोलंकी ने पाटीदार नेता और खोडलधाम के अग्रणी नरेश पटेल से मुलाकात की थी. उस मुलाकात को राजनैतिक ही देखा गया था. ऊपर से आज नरेश पटेल ने स्टेटमेंट दिया है की अगर पाटीदार समाज कहेगा तो में राजनीति में जरूर आऊंगा. उसके बाद नरेश पटेल की कोंग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो चुकी है. क्योंकि अगर उनको राजनीति में आना ही है तो वो भाजपा में तो जायेंगे