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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ब्राह्मणों की राजनीति खत्म करने में सीआर पाटील भी विजय रूपानी के रास्ते...!?

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ब्राह्मणों की राजनीति खत्म करने में सीआर पाटील भी विजय रूपानी के रास्ते...!? गुजरात प्रदेश प्रमुख सीआर पाटील द्वारा हालत में ही गुजरात भाजपा पार्लमेंट्री बोर्ड की घोषणा की गई उसमे एक भी ब्राह्मण नेता को जगह नहीं दी गई। जनसंघ, आरएसएस और भाजपा की स्थापना से ब्राह्मण वर्चस्व से जानी जाने वाली भाजपा और जनसंघ में आज ब्राह्मणों की राजनीति खत्म करने का काम किया जा रहा है. जनसंघ और भाजपा के सुवर्णकाल में भाजपा को आगे लाने वाले अनेक ब्राह्मण नेता जब से विजय रुपाणी के हाथ में गुजरात भाजपा की डोर आई तब से साइड लाइन किए जा रहे है. अब उसी रास्ते पर गुजरात भाजपा के प्रमुख सीआर पाटील भी चलने लगे हैं.  संघ के स्थापक गुरु गोवलकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, अटलबिहारी वाजपेई, मुरली मनोहर जोशी जैसे देश के अनेक दिगाज नेता ब्रह्म समाज ने दिए है. एक समय में ब्राह्मण वर्चस्व वाली पार्टी कही जाने वाली भाजपा आज पटेल और बनियो की पार्टी बनकर रह गई है. समग्र सौराष्ट्र और गुजरात में गांव गांव जाकर जिन ब्राह्मणों ने भाजपा को सींचकर बड़ा वृक्ष बनाया उसी ब्राह्मणों की आज भाजपा उपेक्षा कर

स्वामी विवेकानंद की बातें युवाओं को गांठ बांध लेनी चाहिए

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आज स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि है. उनका जीवन सबके लिए एक सीख है. खासकर युवाओं के लिए उनकी कही बातें जीवन जीने का मंत्र है. उनकी कहानी आज और भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. आइये जानते हैं स्वामी विवेकानंद के बारे में.  उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य हासिल ना कर लो. जीवन का ये मंत्र दुनिया को स्वामी विवेकानंद ने दिया था. उनकी पहचान सिर्फ एक आध्यात्म गुरु की नहीं थी, उनका जीवन खुद में भारत की पहचान और संस्कृति को समेटे हुए है. कई विषयों में पारंगत स्वामी विवेकानंद को आज इसलिये याद कर रहे हैं क्योंकि आज उनकी पुण्यतिथि है. उनका जीवन हर किसी के लिए सीख है खासकर युवाओं के लिए. यही वजह है कि 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ. उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था. वो बचपन से ही एक मेधावी छात्र रहे. उन्हें जीवन और जीवन से जुड़े रहस्यों को जानने की रुचि थी. साल 1871 में महज 8 साल की उम्र में उन्होंने ईश्वर चंद्र विद्यासागर मेट्रोपोलिटन इंस्टिट्यूट से शिक्षा ग्रहण की. उन्होंने

अपनी ही जाति में शादी क्यों ????

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*अपनी ही जाति में शादी क्यों?* .  * बहुत से लोग नहीं जानते कि हमारी सनातन संस्कृति में अपनी ही जाति में विवाह क्यों किया जाता है। चूंकि पौधे में संकर बीज होते हैं, तीसरी या चौथी पीढ़ी उन्हें पैदा करने में असमर्थ हो जाती है। उसी प्रकार मनुष्य में जब भिन्न-भिन्न जातियों के लोग उत्पन्न होते हैं, तो तीसरी और चौथी पीढ़ी उन लोगों को उत्पन्न करने में अक्षम हो जाती है।  इतना ही नहीं, यह धीरे-धीरे अपने आनुवंशिक गुणों को भी खो देता है। कौशल नष्ट हो जाते हैं। जिससे बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। क्षत्रिय हो तो उसका नशा उतर जाता है। यदि वह ब्राह्मण है, तो वह अपना ज्ञान, स्वाभिमान, संस्कृति खो देता है।ऐसी संकर संतान के जीवन में वेश्यावृत्ति, व्यापार और वाणिज्य कुछ नहीं कर सकता। या अन्य प्रेम अध्याय आप जीवन के अंत में दुःख पाएंगे। यही वजह है कि अब इतने सारे आईवीएफ सेंटर चल रहे हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने किसी शौक से नियम नहीं बनाए हैं। उसने हमारे भले के लिए सारे नियम बनाए हैं..प्रेम के दीप जलाने से पहले पिता और भाई-बहनों पर ध्यान देना, जो प्रेम में नहीं हैं, इस वाक्य का

जब देश सुरक्षित हाथों में है, तो उस हाथ वालो को डर क्यों ???

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जब देश सुरक्षित हाथों में है, तो उस हाथ वालो को डर क्यों ??? जी हा, भाजपा के हर नेता एक ही बात करते है की देश सुरक्षित हाथों में है. हाला की हालात सब को पता है, इसलिए तो प्रधानमंत्रीजी ने कल डर को महसूस किया होगा...!? कल पंजाब में प्रधानमंत्रीजी की रैली में जो कुछ भी हुआ वो पंजाब और पूरे भारत देश के लिए शर्म की बात है. देश के प्रमुख व्यक्ति जब किसी राज्य में आ रहे हो तब राज्य की भी जिम्मेदारी है की उनकी सुरक्षा का ख्याल रखा जाए. पर जो कुछ हुआ उसके बाद प्रधानमंत्रीजी ने जो स्टेटमेंट दिया की "आपके मुख्यमंत्री को Thanks कहना की में जिंदा एयर पोर्ट पहुंच गया हूं". वो बड़े शर्म की बात है. वाक्या क्या हुआ उससे आप सब परिचित है इसलिए ज्यादा नहीं कहूंगा. दोपहर को प्रधानमंत्रीजी की रैली थी, रैली स्थल पर तकरीबन 70000 व्यक्तियो को बैठने के लिए व्यवस्था की गई थी, पर रैली शुरू होने तक 700 लोग भी जमा नही हुए थे, शायद इस बात का अंदाजा प्रधानमंत्रीजी को हो गया था, इसलिए भी रैली में जाकर अपनी किरकिरी न हो उससे बचने के लिए रैली शुरू हो उससे पहले ही रैली कैंसल करने का एलान कर दिया. ब