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ट्रैफिक पुलिस आपकी गाड़ी रोके तो...

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 अगर आप रास्ते पर सफर कर रहे है और बीच रास्ते में किसी ट्रैफिक पुलिस ने आपको रोका तो वो आपके साथ कैसा व्यवहार करेगा वो तो आपको भी पता नही होगा.. पर अगर वो पुलिसमैन आपके साथ गलत व्यवहार करता है तो आपको क्या करना होगा ये जानना आपके लिए बहुत जरूरी है... पढ़िए आवश्यक जानकारी. वाहन चेकिंग के दौरान पुलिसकर्मी न तो गाली दे सकता है और न ही मारपीट कर सकता है। अगर पुलिसकर्मी दुर्व्यवहार करे तो उस दौरान कैमरे का इस्तेमाल किया जा सकता है, इस पर कोई पाबंदी नही। साथ ही पुलिसकर्मी को फोन या कैमरा छीनने व तोड़ने का भी अधिकार नही है। अगर कोई पुलिसकर्मी ऐसा करता है तो उसकी शिकायत क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन एवं पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अयुक्त को लिखित में करें। साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार अयोग में भी इसकी शिकायत दर्ज करायें। न्याय न मिलने पर न्यायालय में भी मामला दर्ज कराया जा सकता हैं।

बेरोजगारों के साथ आजकल यही हो रहा है: कल्पेश रावल

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बेरोजगार युवाओं के साथ यही हो रहा है...!: कल्पेश रावल सिंह ने तीन सहायक मंत्रालयिक रिक्तियों के लिए भर्ती जारी की।  जैसे ही जंगल के जानवरों को पता चला तो वे खुश हो गए और फॉर्म भरने के लिए दौड़ पड़े।  फॉर्म भरने की इतनी होड़ मची कि ऑनलाइन जंगल जॉब एप्लीकेशन सिस्टम नाम की वेबसाइट भी दो बार बंद करनी पड़ी।  क्लर्क ने सभी से प्रति फॉर्म सौ रुपये वसूले। छह महीने पूरे होने के बाद कॉल लेटर आये.  जानवर कॉल लेटर निकालने के लिए टिड्डे की दुकान पर गए।  जिसकी नियुक्ति भी राजा स्वयं करता था।  टिटीघोड़ा ने पाँच के बदले दस रुपये लिये और खाड़ी लूट ली।  जानवर यह जानने को उत्सुक थे कि उनकी संख्या कहाँ से आई, उन्होंने ख़ुशी से दस रुपये दिए।  गिर के जानवरों को परीक्षा के लिए रणथंभौर जाना पड़ता था.  रणथम्भौर के पशुओं का परीक्षण गिर में होना था।  जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से जानवरों को मध्य प्रदेश और जिम कॉर्बेट को मध्य प्रदेश में ले जाया गया।  परीक्षा ख़त्म होने के अगले दिन पत्रकार पोपटलाल ने ब्रेकिंग न्यूज़ दी कि इस बार का पेपर लीक हो गया है.  फॉर्म भरने के बाद जंगल के जानवर तैयार हो गए.  सिंह ने 'कच्ची

ये राजनीति किस और जा रही है ???

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 राजनीतिक कार्यकर्ताओं और कुछ जाहिलों को छोड़ दिया जाए तो इस देश का एक बड़ा वर्ग है जो पनौती, पप्पू, नीच, पचास करोड़ की गर्लफ्रेंड, जर्सी गाय जैसे संबोधन से विचलित होता है।  इस तरह का पोस्टर जब सत्तारूढ़ पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से पोस्ट होता है तो लगता है कि राजनीति में इतनी फूहड़ता आ गई है कि अब भाषागत शुचिता की उम्मीद ही मुर्खता है। क्या ऐसे ही न्यू इंडिया का सपना देखा था हमने ??? Kalpesh Raval 

भाजपा में लगी आग कब बुझेगी ?? हवा कौन दे रहा है ???

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अपनी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को सिस्तबद्ध पार्टी कहते कहते थकते नहीं भाजपा नेता. पर अब भाजपा का अंदरूनी कलह धीरे धीरे बाहर आने लगा है. ये सिर्फ गुजरात में नही हो रहा. असम, मध्यप्रदेश, राजस्थान महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में दिखाई देने लगा है. पहले गुजरात में तीन महिला नेताओ के बीच हुई बबाल की बात करते है. जामनगर 78 के विधायक और क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा ने जामनगर के सांसद और महापौर को जनता के बीच में छोटी सी बात में बीच चौराहे पर बबाल हो गया और भाजपा नेताओं में जामनगर से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया. बबाल धीरे धीरे बढ़ा विधायक ने महापौर को कहा की आप अपनी औकात में रहिए. मुझे पता है चुनाव में किसने क्या किया था. सुनकर सांसद पूनम बेन ने शांति बनाए रखने की अपील की तो विधायक ने उनको भी सुना दिया और कहा ये सब आपने ही जलाया है अब बुझाने की कोशिश कर रही है. ये सब तब हुआ जब शाहिद मेमोरियल पर श्रद्धांजलि देने भाजपाई नेता और कार्यकर्ता इकट्ठे हुए थे. अपने आप को शिस्तबद्ध पार्टी बताने वाली भाजपा का सिस्त एक ही झटके में जनता के सामने आ गया. पूरे दिन बबाल के बाद बात सीधी गांधीनगर और द

मोदी सरकार के 9 साल 91 गालियां और जनता के 91 सवाल..

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 मोदी सरकार के 9 साल 91 गालियां और जनता के 91 सवाल.. केंद्र में बैठी प्रधानमंत्री मोदीजी की सरकार को 9 साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक महीने के लिए पूरे देश में एक से बढ़कर एक कार्यक्रम का आयोजन करके जनता के बीच में मोदीजी की छवि चमकाने का काम शुरू किया गया है. मोदीजी खुद के मन की बात तो रेडियो के जरिए जनता तक पहुंचा देते है पर जनता के मन की बात सुनने वाला कोई नही है. इसलिए एक हम जनता की बात को मोदीजी तक पहुंचाने के लिए 9 साल 91 गालियां और जनता के 91 सवाल के जरिए मोदीजी से सवाल कर रहे है. शायद ही कोई सवाल का जवाब मोदीजी देंगे...! 01. अच्छे दिन कब आयेंगे ??? 02. किसके एकाउंट में 15 लाख जमा किए ??? 03. महंगाई कब कम होगी ??? 04. पेट्रोल डीजल के दाम कब कम होंगे ? 05. 2 करोड़ बेरोजगारों को रोजगार दिया क्या ??? 06. चीन को लाल आंख कब दिखाएंगे ??? 07. नोट बंदी से जनता को और सरकार को क्या मिला ??? 08. 370 हटने से कश्मीर में कितनो ने प्लॉट खरीदा और कितनी कंपनी ने प्लांट खड़े किए ??? 09. किसानों की आय दुगनी हुई क्या ??? 10. बेटियां सुरक्षित क्यो नही ??? 11. शिक्षा संस्थानों की हालत

9 साल की मोदी सरकार की नाकामिया...

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 9 साल की मोदी सरकार की नाकामिया... 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार का गठन हुआ उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने जनता से बड़े बड़े वादो की बौछार की थी, जनता को बड़े बड़े सपने दिखाए थे पर वो सपने मुंगेरीलाल के हसीन सपने समान साबित हुए... क्या क्या वादे किए गए थे ???? मोदीजी ने वादे किए थे की केंद्र में अगर भाजपा की सरकार आई तो विदेश से काला धन वापस लाएंगे, हर भ्रष्टाचारियों को जेल में डालेंगे, किसानों की आय दुगनी हो जायेगी, 2022 तक सबको अपना खुद का घर मिलेगा, 100 स्मार्ट सिटी बनाएंगे, महंगाई कम करेंगे आदि... पर आज के समय में वास्तविकता क्या है ????? Demonetisation के बाद क्या हुआ ??? और नोट बंदी के समय पर क्या कहा था ???? मोदी सरकार ने नोट बंदी ( नोट बदली) करने का अचानक फैसला कर दिया और रात 8 बजे सूचना दे दी की 1000 और 500 ₹ के नोट रात 12 बजे के बाद बंद हो जाएंगे...! उदेश क्या था ??? मार्केट में जो काला धन है उनको बैंको में जमा करवाना, डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना, डुप्लीकेट करंसी को बंद करवाना... हुआ क्या ???? ना काला धन कही से वापस आया, ना डिजिटल क्रांति का सपना पूरा हुआ

मोदीजी की पकड़ से छूट रही भाजपा...??!!!

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  मोदीजी की पकड़ से छूट रही भाजपा...??!!! भाजपा के सर्वेसर्वा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की पकड़ धीरे धीरे भाजपा से छूट रही है ऐसा साफ साफ दिखने लगा है... कर्नाटक में चल रहे चुनाव में भाजपा द्वारा एक ऐसे कैंडिडेट को विधानसभा का टिकिट दिया गया जिस कैंडिडेट पर एक से ज्यादा FIR दर्ज है और एक केस में एक साल की जेल सजा भुगत कर आया हुआ बाहुबली है. सूत्रों से पता चला है की विरोध के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी को उस कैंडिडेट के विधानसभा इलाके में अपनी रैली भी कैंसिल करनी पड़ी. वैसे तो भाजपा नेता हर बात पर कहते रहते है, हमारे यहां सब कुछ आलाकमान तय करता है. ( आलाकमान का मतलब मोदीजी और शाह जी) जी हा कर्नाटक के चुनाव में ताजा हालात ऐसे बन चुके है की खुद मोदीजी और शाह जी को भी समझ नही आ रहा की किस मुद्दो पर प्रचार करे, इसलिए कुछ न कुछ मनघड़ंत कहानियां सुनाते रहते है, जैसे बजरंग दल से बजरंगबली को जोड़ दिया था. अब जुमलो को सुनने भिड़ भी इकठ्ठा नही हो पा रही इसलिए मोदीजी के रोड़ शो करवाए जा रहे है, पर रोड शो में भी कर्नाटक भाजपा भिड़ नही जुटा पा रही.... जनता का मूड क्या है ??? कर्नाटक चुनाव में