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जुलाई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक पिता का विश्व के सभी बच्चो को पत्र

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  प्रिय बेटा / बेटी सकुशल होंगे. ये खत में आपको तीन वजह से लिख रहा हु..! जीवन, नसीब और मृत्यु कोई समझ सका नही... तो जरूरी है की कुछ बाते समय से पहले कह दी जाए. में तुम्हारा पिता हु, और ऐसी बात में नही कहूंगा तो तुम्हे कोई नही कह सकेगा.  ये सब बाते में अपने अनुभव से कह रहा हु और जो में नही कहूंगा तो भी तुम तुम्हारे जीवन से सिख ही लोगे. पर तब तुम्हे ज्यादा तकलीफ होगी और शायद उस वक्त तुम्हारे पास समय भी नहीं होगा. जीवन को अच्छा और शांति से जीने के लिए इतना जरूर करना..! 1. जब कोई तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार न करे तो, मन को दुखी मत करना... तुम्हारे साथ अच्छा बर्ताव करने का फर्ज सिर्फ और सिर्फ मेरा और तुम्हारी मम्मी का ही है. बाकी दुनिया का कोई भी व्यक्ति तुम्हे दुख दे सकता है. तो उनके लिए हमेशा मानसिक तैयार ही रहना. कोई भी तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार करे तो उनका आभार व्यक्त करना. पर हमेशा सतर्क रहना... दुनिया में मेरे पापा और मेरी मम्मी के अलावा सभी के व्यवहार के पीछे कोई वजह/स्वार्थ भी हो सकता है. जल्दबाजी में किसी भी व्यक्ति को अच्छा दोस्त मानना बेवकूफी साबित हो सकती है. 2. दुनिया में कोई भ

*देश में क्या हो रहा है? शायद हम अभी भी सो रहे हैं..!

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 क्या सिर्फ पेट्रोल और डीजल ही महंगे हो गए हैं?  2014 से पहले 65 रुपये प्रति लीटर था *सरसों का तेल अब 210 रुपये प्रति लीटर*  25 रुपए प्रति किलो था *चीनी अब 42 रुपए किलो*   *गुजरात में है देश की सबसे महंगी बिजली*  *गुजरात में देश का सबसे महंगा सीएनजी और पीएनजी* जो वापस गुजरात में बनता है...  *सीमेंट जिसकी कीमत 195 रुपए थी अब 410 रुपए है*  स्टील की कीमत जो 3600 रुपए थी अब 6500 रुपए*  1500 रुपए की ट्रॉली थी। *आज रेत 6000 रुपए।*  जिसकी कीमत 45,000 रुपये है।  *एक्टिवा/मोटरसाइकिल की कीमत अब 90,000 रुपए*  * मेडिक्लेम प्रीमियम जो 1049 रुपये प्रति 1 लाख था अब 4100 रुपये है *  110 रुपए था *डिश चार्ज अब 450 रुपए*  *350 रुपए का गैस सिलेंडर अब 880 रुपए*  *गैस सब्सिडी 250 रुपए थी अब जीरो*  यातायात उल्लंघन के लिए अधिकतम जुर्माना 100 रुपये था * जुर्माना अब 10,000 रुपये है।  है *  *देश पर कर्ज जो 60 साल में 55,000 करोड़ रुपए था अब 1,80,000 करोड़ रुपए*  *250 रुपए में बना ड्राइविंग लाइसेंस अब 5500 रुपए*   * वर्ष की घरेलू किराने का सामान 12,000 रुपये है।  अभी 72,000.  ह ाेती है *   *5 करोड़ परिवार गरीबी र

Online शिक्षा, प्रमोशन, शिक्षण का सत्यनाश

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  Online शिक्षा, प्रमोशन और शिक्षणका सत्यानाश आज हमारे देश में ऐसा ही चल रहा है. क्योंकि कोरोना की वजह से जगह जगह पर लोक डाउन लगा दिया गया है, उसकी वजह से शिक्षा संस्थानों को भी बंद कर दिया गया है, पर स्कूल संचालकों की कमाई बंद न हो उनका पूरा ख्याल रखा गया है. इसलिए तो सरकार की गाइड लाइन के हिसाब से Online शिक्षा शुरू करवाई गई है. आप लोगो के बच्चो का भविष्य न बिगड़े इसलिए आपने आपकी मर्जी हो या न हो फिर भी Online शिक्षा का स्वीकार कर लिया है. अच्छी बात है कोरोना काल में भी बच्चे घर पर बैठकर पढ़ाई कर सकते है. पर कभी उस परिवार का पालन कर रहे मुखिया का सरकार ने नही सोचा, राहुल गांधी ने बार बार कहा की लोक डाउन में जनता के पास पैसा खतम हो चुका है उनके एकाउंट में 6000 ₹ ही डाल दीजिए जिनसे वो अपने परिवार को पाल सके. परिस्थिति से वाकिफ होने के बावजूद सरकार ने आम जनता की अनदेखी कर दी है. सरकार का कहना है की राशन तो फ्री में दे रहे है. पर सबको पता है, सिर्फ राशन देने से घर का पालन नहीं होता. घर का बिजली का बिल, किराया, घर का घर हो तो हाउस टैक्स, नल का टेक्स, दूध का बिल, इनके अलावा बच्चो के लिए ऑन

केंद्र ने तो पल्ला झाड़ लिया, राज्यो का क्या ?

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 कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से देश में हुई मौत के आंकड़ों के बारे में केंद्र सरकार ने पल्ला झाड़ लिया और कह दिया की भारत में एक भी व्यक्ति की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से नही हुई है. यहां ये भी जरूरी हो जाता है की किसी भी राज्यो की सरकार ने अपने राज्य में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौत के आंकड़े केंद्र सरकार को क्यों नही दिए ?? सवाल ये उठ रहा है की अप्रैल के महीने में जब दूसरी लहर चल रही थी, कोरोना अपनी पूरी ताकत से लोगो को मार रहा था, तब दिल्ली, गुजरात उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यो में ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही थी. कई राज्यो में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों के आंकड़े अखबारों और टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे थे. पर धृतराष्ट्र बनी बैठी केंद्र सरकार ने पल्ला झाड़ कर कह दिया की ऑक्सीजन की कमी के कारण देश में एक भी मौत नही हुई. राज्य सरकारों ने केंद्र को आंकड़े क्यो नही दिए ?? राज्य सरकारों द्वारा केंद्र को ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों के आंकड़े क्यो नही दिए गए, इस पर कई राज्यो का एक ही जवाब आ रहा है की हमे आईसीएमआर की गाइड लाइन के हिसाब से आंकड़े देने को कहा गया था. आई

महामारी, मंदी और महंगाई से जनता हुई त्रस्त, सरकार है चुनावी प्रचार में मस्त

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कोरोना महामारी के चलते भारत में कई परिवारों ने अपने परिवार के साथियों को खो दिया है. पहली वेव की बात करे तो लोक डाउन के चलते पूरा देश बंद हो गया था और अचानक लोक डाउन का एलान करने से बहुत से प्रवासी मजदूर कई जगह फस गए थे. जिनको अपने वतन पहचाने तक की व्यवस्था सरकार द्वारा नही की गई थी. जिसकी वजह से प्रवासी मजदूर अपने आप वतन जाने के लिए कोई साइकल, तो कोई बाइक, कोई ट्रक तो कोई पैदल तक चल दिया था.  हुआ क्या ? कई मजदूरों ने अपने वतन पहुंचने से लहले ही बीच रास्ते में दम तोड दिया. किसी ने एक्सीडेंट की वजह से तो किसी ने बीमारी की वजह से. पर सरकार ने उन लोगो के लिए क्या किया कुछ नही. दूसरी लहर उनसे भी घातक हुई पहले लोक डाउन में जिनके व्यापार बंद पड़े थे उन पर दोहरी मार का असर हुआ, व्यापार चौपट हो गया, बचाए हुए पैसे भी खत्म हो गए. आम आदमी अगर करे तो क्या करे ? सरकार ने घर के लिए राशन तो दिया पर उस राशन से घर थोड़े ही चने वाला था ? ऊपर से बैंक के ईएमआई, घर का किराया, रसोई गैस, खाने के लिए तेल, मसाले आदि कहा से लाते ? घर के परिवार को दो साल बिना कमाई के पालने की जिम्मेदारी की वजह से आमदनी की कमर टू

ब्रह्म समाज के नाम पर कब तक अपनी राजनीति चमकाते रहेंगे नेता ?

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राजनीति में समाज को लाने की जगह समाज में राजनीति क्यो ला रहे है ? सिर्फ अपने निजी फायदे के लिए ? राजनीति में ब्राह्मणों का अमूल्य योगदान है, और बिना ब्राह्मण राजनीति की कल्पना भी नहीं की जा सकती. क्योंकि ब्राह्मणों के पास नीति, और ज्ञान का भंडार है. इस नीति को राजनीति के लिए उपयोग करने की जगह कुछ लोग इनको अपने निजी फायदे के लिए उपयोग करके समाज को विभाजित करने पर तुले हुए है. समाज को एक रखोगे तभी आप दूसरो से लड़ पाओगे. समाज को संगठित करना चाहिए. किसी भी पॉलिटिकल पार्टी के हाथ का खिलौना बनकर कभी भी समाज के लोगो को गलत काम करने के लिए उकसाना नही चाहिए, जो आज गुजरात में हो रहा है, वैसा तो बिलकुल नहीं होना चाहिए. गोपाल इटालिया के सोशल पोस्ट को लेकर सिर्फ ब्रह्म समाज की और से बबाल क्यो ? कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रमुख गोपाल इटालिया की पुरानी सोशल मीडिया में सर्व हिंदू समाज के खिलाफ की गई टिप्पणी की पोस्ट वायरल होने के बाद उनका पूरे गुजरात में विरोध होने लगा है. पर विरोध सिर्फ ब्रह्म समाज के लोग ही क्यो कर रहे है ? कुछ दिनों से गुजरात में किसी न किसी शहर में ब्रह्म समाज द्वारा ग

Population Control Law: जनसंख्या नियंत्रण कानून क्या है ? इस कानून की जरूरत क्यो है ?

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  Population Control Law: जनसंख्या नियंत्रण कानून क्या है ? इस कानून की जरूरत क्यो है ? और सत्ताधारी पार्टी इस कानून को क्यो लाना चाहती है ? क्या ऐसे कानून का पालन हो पाएगा ? देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल आया है. ये सवाल फिर बहस का मुद्दा बन गया है कि 'क्या देश की जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कानून की दरकार है?' ये सर्वविदित है कि भारत की जनसंख्या जिस रफ्तार से बढ़ती जा रही है, वो दिन दूर नहीं जब हम विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाले देश के नागरिक होंगे. वर्तमान में हम जनसंख्या के मामले में चीन के बाद दूसरे पायदान पर हैं. लेकिन चीन ने कई साल तक कानून की लगाम से जनसंख्या पर नियंत्रण पा लिया और भारत अगले कुछ साल में चीन से आगे निकल कर नंबर एक के पायदान पर होगा. लेकिन सच ये है कि हमें इस पर गर्व करने की बजाय चिंता करने की जरूरत है. ये बात इस देश के हुक्मरानों को भी मालूम है कि बढ़ती जनसंख्या एक दिन देश के लिए मुसीबत बन जाएगी. लेकिन बहस का मुद्दा ये है कि जनसंख्या नियंत्रण (population control law) का उपाय क्या होना चाहिए. क्या इसके लिए किसी कानून की

उड़ीसा के पूरी शहर में जगन्नाथ मंदिर के चमत्कार और रहस्य

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 ओडिशा के पूरी शहर का जगन्नाथ मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है। प्रस्तुत है आपके लिए कुछ आश्चर्यजनक चर्चित तथ्य-  हिंदू धर्म के मुख्य चार धाम : बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामेश्वर और द्वारका उसमे जगन्नाथ के बारे में जानने योग्य जानकारी कर चमत्कार से आपको परिचित करवाने के कोशिश की है. 1. मंदिर के ऊपर स्थापित ध्वज सदैव हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। ये क्यों हो रहा है ये अभी तक कोई समझ नही पाया है. 2. मंदिर की ध्वजा रोज बदली जाति है, जिस दिन मंदिर की ध्वजा न बदली तो समझ लीजिए मंदिर आने वाले 18 साल बंद हो जायेगा. ऐसी मान्यता है. 3. पुरी में किसी भी स्थान से आप मंदिर के शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देखेंगे तो वह आपको सदैव अपने सामने ही लगा दिखेगा। 4. सामान्य दिनों के समय हवा समुद्र से जमीन की तरफ आती है और शाम के दौरान इसके विपरीत, लेकिन पुरी में इसका उल्टा होता है। 5. मंदिर के ऊपर आज तक कोई पक्षी या विमानों को मंदिर के ऊपर उड़ते हुए नहीं पाएंगे। ये भी एक चमत्कार ही है. 6. मुख्य गुंबद की छाया दिन के किसी भी समय अदृश्य ही रहती है। 7. भगवान जगन्नाथ का मंदिर समंदर के किनारे स्थापित है, समंदर की उछलत

कोरोना मंत्रियों की कुर्सी खा गया ??

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  कोरोना ने कई मंत्रियों की कुर्सी छीन ली...!? भारत में तकरीबन 2 साल से चल रहे कोरोना महामारी में कोई मंत्रियों की कुर्सी छीन लेने की नौबत आ चुकी है. प्रधानमंत्री मोदी जी अपने मुंह से नहीं कह रहे पर उन्होंने भी मान लिया है कि मंत्रियों की लापरवाही की वजह से विदेशों में भी भारत की बदनामी हुई है. इसलिए तो ना चाहते हुए भी मंत्रिमंडल के विस्तरण के नाम पर मंत्रियों को हटाना पड़ा. आरोग्य मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा...! आरोग्य मंत्री हर्षवर्धन जी को इस्तीफा देना पड़ा इसकी वजह यह भी हो सकती है कि कोरोना काल में अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, मरीजों के लिए बेड की कमी, वेक्सिन की कमी आदि चीजों की कमियों के चलते भारत का आरोग्य विभाग खुद आईसीयू में आ गया था. जब कभी मंत्री जी से सवाल करो तो उल्टा ही जवाब देते रहते थे एक वजह ये भी हो सकती है मंत्रीजी के इस्तीफे की. मंत्रीजी तो यहां तक जुमले फेक रहे थे की डार्क चॉकलेट खाइए और कोरोना से बचे रहिए. दूसरी मंत्री श्रम और रोजगार मंत्री श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार जी जिनको भारत की आधी आबादी नही पहचानती होगी क्योंकि आज तक उन्होंने ऐसा कोई भी काम नही कि

जागो युवाओं जागो

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 हे गुजरात के मेरे प्यारे युवाओं, मैं आपको सलाह नहीं दे रहा हूं लेकिन मैं आपका ध्यान आकर्षित कर रहा हूं।     मुझे लगता है कि हमारे गुजरात के युवा रास्ता भूल गए हैं।    हे मेरे प्यारे जवानो, तुमने जो रास्ता अपनाया है, वह सच है या झूठ, उस पर विचार करें।    यूपीएससी।  1757 में से 1123 अकेले बिहार के हैं, बाकी 634 हैं...     क्या इस सूची में गुजरात का कोई युवक है?    यूपीएससी परीक्षा में बिहार ने रचा इतिहास...     क्या १७५७ में एक भी गुजराती युवक था?      बिहार के 1123 युवा IAS में शामिल  अधिकारी बनना सरकारी दफ्तरों में अधिकारी के रूप में देखा जाएगा और गुजरात के युवा कहां नजर आएंगे।       नेताओं की रैलियों और सभाओं में नजर आएंगे....       बाइक पर पत्तों की खाड़ी में कुल्हाड़ी से उड़ाते नजर आएंगे...      थर्टी फर्स्ट के दिन आप पूरी रात अपनी गर्लफ्रेंड के साथ झूमते-झूमते नजर आएंगे...      भाई-बहन दीव और गोवा में मस्ती करते नजर आएंगे।     दोस्तो के साथ होटल या फार्म पर प्रोग्रामिंग करते नजर आएंगे।     बाप बेचारे मेहनत कर रहे होंगे और बेटे ???   एक हजार रुपये के जूते, एक हजार रुपये की टी-शर्ट

#कोरोना से डर नहीं लगता साहब डर लगता है मास्क ना पहनने पर जुर्माने से

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#कोरोना से डर नहीं लगता साहब क्योंकि आम आदमी कोरोना से मरे या भुखमरी से मरे क्या फर्क पड़ता है ? आम आदमी को डर लगता है मास्क न पहनने पर लगने वाले जुर्माने से. क्योंकि कोरोना काल में लगने वाले लॉक डाउन की वजह से आम आदमी का व्यापार चौपट हो गया है. बड़े-बड़े लोगों को तो फिर भी सरकार की ओर से टैक्स में भी राहत मिल जाती है पर आम आदमी जाए तो कहां जाए ? बीच रास्ते पर छोटे-छोटे ठेले लगाने वाले व्यापारी आज व्यापार नहीं कर पा रहे क्योंकि उनको कोरोना के नियम भी पालने है और जुर्माने से भी बचना है. सड़क पर व्यापार करने वाला व्यापारी बड़ी मुश्किल से अपना घर चला पाता था पर कोरोना ने उसके व्यापार पर ग्रहण लगा दिया है. सरकार की ओर से मिलने वाले राशन से उनका घर नहीं चलने वाला. घर चलाने के लिए राजस्थान के अलावा और भी कई चीजें चाहिए जो सरकार नहीं दे पा रही. बेरोजगारी, महामारी, मंदी की वजह से आम आदमी की कमर टूट चुकी है. आज हालात ऐसे हैं कि लोगों को घर चलाने के लिए भी लोन लेना पड़े पर आम आदमी को लोन देगा कौन ? लोन अगर मिल भी जाए तो हम आदमी लोन चुका है क्या कैसे ? क्योंकि पैसे खर्च तो हो जाएंगे पर पैसे वापस