गुजरात में भाजपा के चाणक्य का दाव उल्टा पड़ गया...!?

गुजरात में भाजपा की सरकार ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का इस्तीफा लेकर सारे के सारे मंत्रियो को घर का रास्ता दिखा दिया.

अब नए मुख्यमंत्री के रूप में भूपेंद्र पटेल को बिठाकर नए मंत्रियों की टीम बनाकर जनता के सामने पेश की गई है. पुराने जो मंत्री थे उसमे से एक भी मंत्री को नए मंत्रिमंडल में शामिल नही किया गया.


इस बात पर कुछ गोदी मीडिया के द्वारा ये साबित करने का प्रयास किया जा रहा है की जो व्यक्ति भाजपा में रहते मोदीजी के हिसाब से काम नही कर पाता उनको घर पर बिठा दिया जाता है. चाहे वो मंत्री हो या मुख्यमंत्री.


गुजरात भाजपा की प्रयोग शाला है, यहां जो सक्सेस गया वो मॉडल पूरे देश में लागू किया जा सकता है ऐसा भाजपाई और मोदी जी का कहना है. 


पर इस बार बार कुछ और ही है..!


इसको समझने के लिए पहले से शुरू करना पड़ेगा..!

जिस दिन विजय रुपाणी का इस्तीफा आया उसके अगले दिन अमित शाह गुजरात आए थे और सब कुछ ( उसके हिसाब से) सेट कर गए थे. जैन के त्योहार संवत्सरी के दूसरे दिन विजय रुपाणी को इस्तीफा देना है.


कोई भी सूचना के बिना, किसी को भी भनक ना लगी, यहां तक की पत्रकारों के सोर्स भी काम नही आए, और अचानक विजय रुपाणी के इस्तीफे की खबर आई.


गुजरात की राजनीति में जैसे भूकंप आया हो ऐसा माहौल खड़ा हो गया. स्वाभाविक है, मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल में बदलाव तो आने वाला ही था. पुराने मंत्री को अपनी जमीन खिसकती दिखने लगी. अचानक मंत्रियों को अपनी अपनी ऑफिस खाली करने को कहा गया.  गोदी मीडिया और सोशल मीडिया में अगले मुख्यमंत्री के नाम में नितिन पटेल को आगे दिखाया गया. उसके बाद तो कई नाम चलने लगे, सब अपने अपने हिसाब से नाम जोड़ते गए.




तब अचानक अहमदाबाद के घाटलोदिया के विधायक भूपेंद्र लटेल का नाम भाजपा द्वारा फाइनल किया गया. नितिन पटेल से लेकर कई मंत्री और नेताओ मे नाराजगी का दौर चला, मनाने की कोशिश हुई, शपथ ग्रहण के समय और दिन बदले गए. काफी कुछ हो गया.


कोंग्रेस के नेताओं ने तो महीनो पहले कहा था...!


कई महीनो से कोंग्रेस के नेताओ द्वारा स्टेटमेंट दिए जा रहे थे, की गुजरात के मुख्यमंत्री बदलने वाले है, तब खुद विजय रुपाणी के स्टेटमेंट आए थे की में अपना कार्यकाल पूर्ण करूंगा. गुजरात की सरकार में सब कुछ चंगा सी...!



असली खेल ये था....!


भाजपा और गोदी मीडिया द्वारा भाजपा के अमित शाह को चाणक्य का उपनाम दिया है, उसने अपने हिसाब से पूरी बाजी बिछाई थी.

क्योंकि गुजरात भाजपा के सूत्रो के हिसाब से भाजपा द्वारा गुजरात में आंतरिक सर्वे कराया गया था, उसमे गुजरात सरकार के खिलाफ काफी नाराजगी थी, इसलिए आगामी चुनाव में भाजपा का जितना मुश्किल है. ये रिपोर्ट ऊपर जाने के बाद सब खेल दिल्ली से खेला गया.


खेल की समझिए...!


भाजपा ने सोच समझकर गुजरात में मुख्यमंत्री बदलने के साथ पूरा मंत्रिमंडल ही बदल दिया. ताकि पार्टी में रहकर जो विरोध कर सकते हैं, उनको भी पहचान सके और जातिवाद के ऊपर किस जाति में ज्यादा विरोध हो सकता है उनको भी शांत किया जा सके.


दूसरी बात: अगर कोई पुराना मंत्री या नेता विरोध करके कांग्रेस में जाकर सरकार बनाने की कोशिश करें तो उत्तर प्रदेश के साथ ही गुजरात में भी चुनाव करवाए जाए. भाजपा को लग रहा था कि गुजरात के नाराज मंत्रियों से कोंग्रेस संपर्क करेगी और सरकार बनाने का दावा करेगी, फिर अगर कोंग्रेस ये खेल खेलने में कामयाब हो जाती है तो अगले 6 महीने में ही चुनाव करवा दे.

पर ये हो न सका क्योंकि कोंग्रेस के किसी भी नेता ने ऐसा करने की सोचने की बात तो दूर, किसी में एक बार भी नही कहा की जिस मंत्री को भाजपा मंत्रिमंडल में नही ले रही तो वो कोंग्रेस के साथ आ जाए और हमसे मिलकर सरकार बनाए..!


अब भाजपा के पास कोई विकल्प ही नही रहा..!


चाणक्य के द्वारा बिछाई गई बाजी फेल हो गई, अब राजनीतिज्ञ भी सोच में पड़ गए है की होगा तो होगा क्या ??? उत्तरप्रदेश के चुनाव को लेकर किसान नेताओ ने तो पहले ही कह दिया है, हम भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे, ऊपर से योगी सरकार की कोरोना में नाकामी, गुंडा तत्व द्वारा जनता को परेशान किया जाना,बेटियो की सुरक्षा से लेकर कई तकलीफों से जनता परेशान है, इस विरोध के बीच अगर उत्तरप्रदेश में भाजपा की सीट कम होती है, और सरकार नही बनती तो उनका असर गुजरात पर भी दिखेगा इसमें कोई शंका नहीं.


क्योंकि गुजरात की जनता भी दो दशकों से ज्यादा समय से शासन कर रही भाजपा से ऊब चुकी है.  ऊपर से कोरोना काल में रुपाणी सरकार की नाकामियाबी, मौत के आंकड़े छिपाना, बेरोजगारी, अस्पतालो में डॉक्टर की कमी, महंगाई आदि मुद्दे अभी भी सरकार के विरोध में खड़े है...!


इसलिए कहना पड़ रहा है, भाजपा के चाणक्य का दाव खुद की पार्टी के होम ग्राउंड गुजरात में ही उल्टा पड़ गया...?!!








#Kalpesh Raval

journalist


टिप्पणियाँ

  1. उत्तर
    1. भाजपा के अंदर यह कहावत सही हो गई।खाता न बही जो मोदी कहे वह सब सही।भारत के अंदर पिछले लॉक डाउन से इस बार के लॉक डाउन तक सभी वर्गों के लोगे के लिए रोजगार का संकट खड़ा हो गया।और सरकारों के द्वारा मंहगाई का निरंकुश हो जाना। उत्तर प्रदेश में विशेष कर विधुत मूल्य सम्पूर्ण भारत के अन्य राज्यों के मुकाबले सर्वाधिक होना ।मोदी और योगी में आंतरिक कलह।उत्तर प्रदेश के राज्य में भाजपा को नुकसान पहुंचायेगी।क्योंकि भाजपा का एक धड़ा यह चाह रहा है कि2022 में तिरशकु विधानसभा का गठन हो और जो भी सरकार बने वह2024के लोकसभा चुनाव से पहले खण्डित हो फिर उत्तर प्रदेश में लोकसभा or विधानसभा चुनाव साथ साथ साथ हो जिससे योगी को किनारे किया जा सके।

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  2. अभी फिलहाल तो सब कुछ शांत नजर आ रहा है,, पर सोया हुआ ज्वालामुखी अंदर की अंद धधकता है,,❗अमित शाह, और मोदी के विरूद्ध में पार्टि में भारी नाराजगी है❗इनका हिटलर की तरह का बर्ताव से परेशान है पार्टि के नेता ,, पर किसी में खुलकर विरोध करने की हिंमत नहीं,,,,, पर जिस दिन विरोध का ज्वालामुखी फटेगा,, उस दिन भाजपा को ले डूबेगा❗

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  3. क्या अब आपको लगता है कि गुजरात में सब ठीक-ठाक हो गया ?

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  4. बहुत नही विश्लेषण किये हैं चाणक्य का निति धरी रह गई पर सर ये जो पंजाब में हुआ हमें इसमें किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की साज़िश लग रही है आपकी राय के प्रतीक्षा करूंगा। धन्यवाद कल्पेश जी

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  5. आकलन सही है पर उत्तर प्रदेश और अब पंजाब भी कांग्रेस के लिए उल्टा दाव हो गया ,

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  6. Journalist hai to impartial reporting kariye apni prejudiced mentality mat thopiye

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  7. बिल्कुल सहमत हूं मैं आपके इस आंकलन से।

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  8. Aisa na ho kahin ye Dav Congress ko Angle Vidhan Sabha main Ulta pad jaye.kyon ki ab Gut Bazi jyada havi rahegi

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  9. ऐसा है जो आपने लिखा है न वो सिर्फ अपके दिमाग की ऊपज है जहां से तुम सोचना बंद करते हो वहां से अमित भाई सोचना शुरू करते है ठीक है गुजरात में सरकार नही जा रही है और हां यूपी में जितने ये फर्जी किसान नेता है न ये इसलिए प्रचार करेंगे योगी जी के खिलाफ़ क्योंकि इनकी सरकार ने चीनी मील बैंक टोल प्लाजा से जो अवैध वसूली होती थी वो इनको मिलनी बंद हो गई पूरा यूपी जानता है इनके बारे में तो कृपा करके अपना ज्ञान अपने पास रखे

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  10. आपको उत्तर प्रदेश की कोई जानकारी नही है... वहाँ बीजेपी क्लीन स्वीप करने वाली है... हर व्यक्ति सिर्फ योगीजी के अच्छे covid प्रबंधन के गुड़ गा रहा है। आप शायद किसी और ग्रह में हैं ।

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  11. पूरी की पूरी ब्लॉक बकवास इसमें कोई नई बात नहीं है राजनीति और सरकार चलाने में ऐसे फैसले होते रहते हैं इस तरह के कड़े फैसले लेने का हिम्मत कांग्रेसमें नहीं हां ... इससे पता चलता है कि पार्टी के अंदर अनुशासन कितना है पूरी की पूरी गुजरात सरकार बदल गई कोई विधायक मंत्री चू तक नहीं बोला इस पार्टी में साधारण सा कार्यकर्ता भी मुख्यमंत्री कब बन जाएगा पता नहीं चलता है .. उल्टे कांग्रेस का साड़ी चाल और रणनीति धरी की धरी रह गई और अब कांग्रेस को फिर से नई रणनीति बनानी पड़ेगी उसे बता दूं जनता जिस को वोट देगी वही जीतेगा

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