बढ़ती हुई दुष्कर्म की घटनाओं के जिम्मेदार कौन ???
बढ़ती हुई दुष्कर्म की घटनाओं के जिम्मेदार कौन ???
"श्याही सुख नही पाती अखबार की एक और खबर आ जाती है दुष्कर्म की....!"
बदलते हुए समय के साथ साथ आम इंसान को भी बदलना चाहिए. नए जमाने के साथ चलना चाहिए. जैसे जैसे डिजिटल युग आगे बढ़ने लगा है वैसे वैसे हमारे देश के युवा भी इस डिजिटल युग का भरपूर फायदा उठाने में लग चुका है. जब तक किसी नई टेक्नोलॉजी का सही इस्तमाल हो तब तक कोई दिक्कत नही, पर जब उसी टेक्नोलोजी का इस्तमाल गलत बातों को आगे बढ़ाने में या दिखाने के लिए होने लगे तो यूवाओ और देश के भविष्य के लिए नुकसान देह साबित हो जाता है.
आजकल युवा ज्यादातर फेमस होने के लिए सोशल एप्स का उपयोग करते रहते हैं पर वह यह नहीं जानते की सोशल एप्स का उपयोग किस तरह और कैसी बातों के लिए करना चाहिए क्योंकि खुद फेमस होने के लिए कोई भी बातें यह कैसी भी बातें बढ़ा चढ़ा कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहते हैं जिससे उनके विरोध तो बढ़ जाते हैं पर उसके ऐसा गलत काम करने से समाज को और देश को कितनी नुकसानी भुगतनी पड़ रही है उसका अंदाजा युवा को युवाओं को नहीं है.
आज देश में हर मिनट पर कहीं ना कहीं किसी ना किसी बेटी या महिला पर दुष्कर्म की खबरें आम हो गई है. उसकी वजह भी मेरे हिसाब से ज्यादातर सोशल मीडिया, ओटीटी platform, किसी भी बात को गलत तरीके से सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई वायरल खबर ज्यादा जिम्मेदार है.
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ऐसी ऐसी फिल्म में चलाई जा रही है जिसमें दिखाया जाता है कि ससुर और बहू के बीच रिश्ता, देवर भाभी के बीच रिश्ता, भाई-बहन के बीच रिश्ता....! इस तरह की फिल्मे ज्यादातर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाती है. जिससे आज का युवा प्रभावित होता है और दुष्कर्म करने की वजह भी बनता रहता है.
पहले के समय में सोशल मीडिया नही था, परिवार में किसी के पास मोबाइल नही था और टीबी भी देखते थे तो पूरा परिवार साथ में बैठकर देखता था जिससे किसी भी बात की परेशानी नही होती थी और परिवार को पता भी चलता था की हमारा बेटा या बेटी क्या देख रहे है....
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आज हर व्यक्ति के पास अपना पर्सनल मोबाइल है और उसमे वो अकेले में क्या देख रहे है, किस्से बात कर रहे है या उनके मोबाइल का उपयोग वो किस चीज के लिए कर रहा है वो उन बच्चो के माता पिता को भी पता नही होता. क्योंकि मोबाइल में बच्चो ने पासवर्ड भी सेट किए होते है. और बच्चो को ज्यादा पूछने पर कही बच्चे नाराज न हो जाए इसकी वजह से माता पिता भी इग्नोर करते है. यही गलती की वजह से ज्यादातर बच्चे बिगड़ने लगते है. एक माता पिता का फर्ज बनता है की वो अपने बच्चे क्या कर रहे है उनकी जानकारी रखे और जरा सी बात गलत लगे तो अपने बच्चो को ऐसा करने से रोके और शांति से समझाए कि गलत करने से किसको कितना नुकसान होता है....
सोशल मीडिया का उपयोग कितना जरूरी...!
आजकल पढ़ाई से लेकर हर व्यक्ति को मोबाइल की खाने से ज्यादा जरूरत पड़ने लगी है, खाना नही मिलेगा तो चलेगा पर मोबाइल का रिचार्ज खत्म हो जाए तो एक मिनिट भी नही चलता.
माना की मोबाइल काम की चीज है, सोशल मीडिया आपकी जानकारी के लिए उस वक्त तक ही जरूरी है जब तक आप उस जानकारी के लिए सोशल नेटवर्किंग का सही उपयोग करे.
सरकार ने नारा दिया था "बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ"
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में नरेंद्र मोदी की सरकार 9 साल पहले जब सत्ता में आए तब नारा दिया गया था कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर आज उस नारे को सिर्फ कागजी स्वरूप मिल चुका है, वास्तविकता और ही है. कागजी नारो से बेटियो के साथ दुष्कर्म नही रुकने वाले उनके लिए सही कदम भी उठाने की जरूरत है.
सोशल नेटवर्किंग पर भद्दे पोस्ट कंपनी क्यो नही रोक पा रही ????
आजकल 100 में से 90 एप्लीकेशन ऐसे हैं कि उसमें युवाओं को सेकस्युली उकसाने वाले कंटेंट पोस्ट होते रहते है. भारत में ऐसे वीडियो पोस्ट करने पर सजा का प्रावधान है, पर गिने चुने किस्सों में कार्यवाही के अलावा कुछ निर्णायक भूमिका नही निभाई जा रही. सरकार द्वारा कंपनियों को सख्त हिदायत देनी चाहिए की ऐसे पोस्ट अगर उनके प्लेटफॉर्म पर वायरल होते है तो पोस्ट करने वाले के साथ साथ कंपनी पर भी सख्त कार्यवाही होगी. क्योंकि इसके बिना ऐसे वायरल पोस्ट रोकना नामुमकिन है.
यूवाओ की सोच को क्या हो गया है ????
सोशल मीडिया चलाते चलाते यूवाओ का दिमाग ऐसा हो चुका है की उनको अपने और परायों की पहचान भी नही. क्योंकि वो ये भी नही सोचता की में जो कर रहा हु वो अगर मेरे परिवार के किसी सदस्य ने देख लिया तो मेरा हाल क्या होगा ? बिना सोचे समझे वो किसी भी सेक्सयुअल या जिससे देखने या सुनने वाले व्यक्ति उत्तेजित होकर किसिबके साथ भी बुरा कर सकता है....!
होली पर्व पर भी बीच रास्ते सेकस्यूली हैरसमेंट की घटना सामने आई...!
अभी अभी होली के दिन भी ऐसी घटनाए सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमे रंग उड़ाने के लिए युवा बीच सड़क पर जा रही महिलाओ के ऊपर जबरदस्ती रंग फेंककर उनको परेशान कर रहे थे. एक किस्से में तो जैपानिस लड़की को रोककर यूवाओ के उनके ऊपर जबसदस्ती रंग लगा दिया और वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद लड़की तो जापान चली गई पर उन लड़कों में से तीन लड़कों के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही की और तीनो को अरेस्ट भी कर लिया है...!
अतिथि देवों भवः का ये मतलब है ???
हमारा देश ऋषि परंपराओं का देश है जहां हम अतिथियों को भगवान मानते हैं. विदेश से आए सभी प्रवासी हमारे लिए तो भगवान के बराबर ही है फिर हमारे यहां आए भगवान के साथ ऐसा सलूक क्यो ??? क्या ये हमे शोभा देता है ??? अगर यही घटना उनके देश में आपके या आपके परिवार की किसी महिला सदस्य के साथ होती तो आप क्या करते ? आप क्या सोचते ??? सोचना ये भी जरूरी है की वो जापान जाकर हमारे भारत देश में उनके साथ जो हुआ वो कैसे बताएगी ? और उनके दोस्त, परिवार और देश के लोगो के हमारे देश के लिए क्या सोच होगी ??????
कल्पेश रावल
पत्रकार एवं संपादक
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