ब्रह्म समाज के नाम पर कब तक अपनी राजनीति चमकाते रहेंगे नेता ?

राजनीति में समाज को लाने की जगह समाज में राजनीति क्यो ला रहे है ? सिर्फ अपने निजी फायदे के लिए ?


राजनीति में ब्राह्मणों का अमूल्य योगदान है, और बिना ब्राह्मण राजनीति की कल्पना भी नहीं की जा सकती. क्योंकि ब्राह्मणों के पास नीति, और ज्ञान का भंडार है. इस नीति को राजनीति के लिए उपयोग करने की जगह कुछ लोग इनको अपने निजी फायदे के लिए उपयोग करके समाज को विभाजित करने पर तुले हुए है. समाज को एक रखोगे तभी आप दूसरो से लड़ पाओगे. समाज को संगठित करना चाहिए. किसी भी पॉलिटिकल पार्टी के हाथ का खिलौना बनकर कभी भी समाज के लोगो को गलत काम करने के लिए उकसाना नही चाहिए, जो आज गुजरात में हो रहा है, वैसा तो बिलकुल नहीं होना चाहिए.


गोपाल इटालिया के सोशल पोस्ट को लेकर सिर्फ ब्रह्म समाज की और से बबाल क्यो ?


कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रमुख गोपाल इटालिया की पुरानी सोशल मीडिया में सर्व हिंदू समाज के खिलाफ की गई टिप्पणी की पोस्ट वायरल होने के बाद उनका पूरे गुजरात में विरोध होने लगा है.

पर विरोध सिर्फ ब्रह्म समाज के लोग ही क्यो कर रहे है ? कुछ दिनों से गुजरात में किसी न किसी शहर में ब्रह्म समाज द्वारा गोपाल इटालिया के नाम पर बबाल होने की खबरे आ रही है. आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है ? किसके इशारे पर किया जा रहा है ? माना की गलत का विरोध करना जरूरी है, पर गोपाल इटालिया ने कही भी ब्रह्म समाज का नाम तो लिया नही है...! फिर समाज द्वारा उनका विरोध क्यों ??? ऐसा करने पर आप किसी न किसी के हाथ बनकर काम कर रहे है ऐसा समाज में प्रतीत हो रहा है. ब्रह्मसमाज को बदनाम करने वालों का साथ ब्रह्म समाज के नेता क्यो दे रहे है ?



गोपाल इटालिया ने क्या कहा था ? और किसको कहा था ?


गोपाल इटालिया ने कथाकारों के बारे में कहा था की ये लोग जूठे है, कथा सुनने जो लोग जा रहे है उनको कथा सुनने जाना नही चाहिए. राम, सीता, कृष्ण के बारे में भी उसने गलत उच्चारण किए थे. 


सिर्फ ब्राह्मणों के द्वारा विरोध क्यों ?


गोपाल इटालिया जब तक आम आदमी पार्टी में प्रमुख के पद पर विराजमान नहीं थे तब तक किसी भी ब्राह्मणों ने उनकी पोस्ट पर विरोध क्यों नहीं किया ? गोपाल इटालिया ने सर्व समाज और सर्व समाज के देवी देवताओं के खिलाफ बोला है तो दूसरी ज्ञातिओ को छोड़कर सिर्फ ब्रह्मसमाज ही उनके विरोध में क्यों खड़ा हो गया ? ब्राह्मण बुद्धिजीवी है फिर किसके इशारे पर किसी एक व्यक्ति के विरोध में पूरे गुजरात के ब्रह्म समाज को इस आग में धकेला जा रहा है ? ये राजनीति की बात है, बहुत लोगो को समझ नही आयेगी. जो लोग राजनीति में है वो सब समझ रहे है, जिनको अपनी राजनीति चमकानी है वही लोग एक व्यक्ति विशेष के विरोध में आगे बढ़ रहे है और इसकी वजह से पूरे समाज को बदनाम कर रहे है.

जब किसी और समाज को गोपाल इटालिया की पोस्ट पर की गई पुरानी बातो पर तकलीफ नही हो रही तो ब्रह्मसमाज क्यो होली का नारियल बन रहा है ???

राजनीति ने समाज को लाने की जगह समाज ने राजनीति करना बंद करो. अपने फायदे के लिए समाज को बदनाम करवाना बंद करो.

हरेन पंड्या को न्याय दिलाने के लिए आप कुछ कर नही पाए, संजीव भट्ट को न्याय दिलाने के लिए आप कुछ कर नही रहे तो फिर आपको क्या हक है की आप अपने फायदे के लिए समाज को किसी के हाथ की कठपुतली की तरह नचा रहे है ???









Kalpesh Raval

Journalist

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