केंद्र ने तो पल्ला झाड़ लिया, राज्यो का क्या ?
कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से देश में हुई मौत के आंकड़ों के बारे में केंद्र सरकार ने पल्ला झाड़ लिया और कह दिया की भारत में एक भी व्यक्ति की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से नही हुई है. यहां ये भी जरूरी हो जाता है की किसी भी राज्यो की सरकार ने अपने राज्य में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौत के आंकड़े केंद्र सरकार को क्यों नही दिए ??
सवाल ये उठ रहा है की अप्रैल के महीने में जब दूसरी लहर चल रही थी, कोरोना अपनी पूरी ताकत से लोगो को मार रहा था, तब दिल्ली, गुजरात उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यो में ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही थी. कई राज्यो में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों के आंकड़े अखबारों और टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे थे. पर धृतराष्ट्र बनी बैठी केंद्र सरकार ने पल्ला झाड़ कर कह दिया की ऑक्सीजन की कमी के कारण देश में एक भी मौत नही हुई.
राज्य सरकारों ने केंद्र को आंकड़े क्यो नही दिए ??
राज्य सरकारों द्वारा केंद्र को ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों के आंकड़े क्यो नही दिए गए, इस पर कई राज्यो का एक ही जवाब आ रहा है की हमे आईसीएमआर की गाइड लाइन के हिसाब से आंकड़े देने को कहा गया था. आईसीएमआर की गाइड लाइन में कही भी ऐसा कोलम नही दिया गया था की ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का आंकड़ा यहां दिखाए.
माना की आईसीएमआर की गाइड लाइन में नही दिया गया, तो क्या राज्य सरकार अपने हिसाब से अलग आंकड़े मेंटेन नही कर सकती ?
वैसे भी कोरोना में मरने वालो के आंकड़ों और सरकारी आंकड़ों में तो शुरू से ही मेल नही हो रहा.
क्योंकि अस्पताल से मृतक की बॉडी को ppe किट में बांधकर शमशान या कब्रिस्तान भेजा जाता था, पर कई ऐसे मृतक को कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों में नही जोड़ा जाता था.
आपने ज्ञात रहे कि कोरोना से मरने वालो के सर्टिफिकेट में भी कही भी मार्क नही किया जाता की उनकी मौत कोरोना से हुई है.
जब आंकड़ों का खेल ऐसा चल रहा हो तो ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का आंकड़ा आप कैसे पता लगा सकेंगे ?
आपके परिवार में हुई ऑक्सीजन की कमी से मौत के आंकड़ों को सरकार ने भुला दिया, आपकी ऑक्सीजन की महामारी में आपको कालाबाजारी में खरीदने पड़े ऑक्सीजन की परेशानी को सरकार ने भुला दिया. मतलब आपका परिवार और आपके परिवार में कोरोना से हुई मौत अब सरकार के आंकड़ों से भी गायब हो चुकी है.
कोर्ट ने कहा है की कोरोना से हुए मृतक के परिवारों को केंद्र सरकार मुआवजा दे, इस पर भी सरकार ने हाथ खड़े कर दिए है. सरकार का कहना है, की कोरोना की वजह से संसाधनों पर बहुत खर्च हो चुका है, हम मृतकों को सहाय नही दे सकते.
जब आपने किसी भी मृतक के सर्टिफिकेट में कोरोना से हुई मौत को दिखाते नही है, तो आप कैसे मानेंगे की उनकी मौत कोरोना से ही हुई थी.?
Kalpesh Raval
Journalist
केंद्र सरकार साफ-साफ झूठ बोल रही है अपनी नाकामी को छिपाने के लिए, जिन परिवारों को धरती चला गया परिवारों पर क्या बीत रही होगी, आज ममता बनर्जी ने भी अपने भाषण में कहा कि केंद्र में एक घटिया और झूठी सरकार कायम है इसको उखाड़ फेंकने की जरूरत है
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