फ्री वैक्सीन के नाम पर जनता को लगा 26 लाख करोड़ का चूना....!

फ्री वैक्सीन के नाम पर जनता को लगा 26 लाख करोड़ का चूना....!

फ्री का मतलब अब आपको समझ आया ?? या अभी तक नही समझे ????
कोरोना शुरू होने के बाद अब तक पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, सीएनजी आदि चीजों के दाम आसमान छूने लगे है. आम परिवार के घर का बजट बिगड़ चुका है. रोजगार खत्म होने से आमदनी बंद हो चुकी है या कम हो चुकी है.
पर आपको डरना बिलकुल नहीं है क्योंकि आप अमृत काल में है.
कोरोना वैक्सीन के नाम पर आपकी जेब से सरकार ने दाम बढ़ाकर तकरीबन 26 लाख करोड़ से ज्यादा रुपिए निकाल लिए और आपको पता भी नही चला... अगर आपको पता चलता तो भी आप क्या कर सकते थे ??? क्योंकि आपको तो अच्छे दिन चाहिए थे. मिल गए ???

आजकल महंगाई के बारे में कोई भी चर्चा नही हो रही, चर्चा सिर्फ हिंदू - मुस्लिम और अजान के साथ हनुमान चालीसा की हो रही है या फिर मस्जिद पर लगे माइक और मंदिर पर लगे माइक की ही हो रही है...! ताकि आप महंगाई के बारे में सोच ही ना सके...!

लोकतांत्रिक देश में जनता के वोट से सरकार बनती है और सरकार का फर्ज है की जनता की बात को सुने और जनता की परेशानियों को दूर करे. पर क्या आपके साथ वैसा हो रहा है ??? अगर नही तो आप समझे आप अमृत काल में है.

कोरोना से बचने के लिए जब वैक्सीन लगवाने की बात आई तो सरकार द्वारा बड़ा प्रचार किया गया, देशभर में होर्डिंग्स लगाए गए की कोरोना से बचने की वैक्सीन सरकार द्वारा मुफ्त लगाई जा रही है.
पर आज जब पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, रसोई गैस के बढ़े दामों को देखकर और जो सरकार की कमाई का 26 लाख करोड़ का आंकड़ा बाहर आया है उससे आपको भी पता चल गया होगा की मुफ्त वैक्सीन के नाम पर आपको ठगा गया है इससे तो अच्छा होता की आप वैक्सीन के 1000 ₹ खर्च कर देते तो इतनी महंगाई सहने की जरूरत नही पड़ती. पर अब क्या हो जब सरकार ने आपकी जेब ही काट ली...! वैसे सरकार किसी भी पार्टी की हो जनता के लिए दवाई या वैक्सीन का इंतजाम मुफ्त में करना हर सरकार की जिम्मेदारी होती है. सरकार आप पर एहसान नही करती.

फिर सरकार ने मुफ्त राशन देने की बात कही और देना शुरू भी कर दिया पर उस राशन का हिसाब करेंगे तो हर महीने ज्यादा से ज्यादा 1000 रुपिया होगा उससे ज्यादा नहीं.
पर सरकार को तो अपनी उपलब्धि दिखाने के लिए बता दिया की 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन दिया है तो सरकार पैसा कहा से लाएगी ? वेट और टेक्स के पैसे से ही तो सब आएगा...!

जब भी आप किसी मंत्री या शासक पक्ष के नेता को महंगाई पर सवाल करोगे तो वो आपको अर्नगल बातो मे उलझाकर रखेगा और आप उनकी बात मान भी जायेंगे क्योंकि आप अमृत काल में है.

कोरोना काल में करोड़ों लोगो की नोकरी चली गई, कई लोगो के व्यापार चौपट हो गए, शिक्षा व्यवस्था बरबाद हो गई, बेरोजगारी बढ़ गई पर इस पर कोई चर्चा करने या बात करने को तैयार नहीं...
कहने का मतलब ये है की कोई भी सरकार किसी को कुछ भी मुफ्त नही देती जुमलो के सिवा.
आपको वैक्सीन मिली वो भी आपके टेक्स के पैसे से और जो मुफ्त का राशन मिला वो भी आपके पैसे से ही मिला है. कोई भी राजकीय पार्टी अपनी पार्टी को मिले चंदे से जनता का भला नहीं करती. 

एक बार सोचना जरूर की आपको मुफ्त की वैक्सीन और मुफ्त का राशन सस्ता पड़ा या पैसे से खुद खरीदते तो सस्ता पड़ता ????

कल्पेश रावल
संपादक और पत्रकार

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