पत्रकारिता का शर्मनाक काल...!
पत्रकारिता का शर्मनाक काल शुरू हो चुका है...!
देश में पत्रकारिता का स्तर दिन-ब-दिन नीचे ही गिरता जा रहा है. क्योंकि आज आप सब लोग देखी रहे है टीवी चैनल पर समाचार हो या डिबेट हो, कही पर भी जनता के लिए या फिर जनता के मुद्दों की बात नहीं हो रही है.
एक बड़े चैनल के पत्रकार ने तो यहां तक कह दिया है कि आप टीवी देखना छोड़ दे. क्योंकि पहले के समय में सच दिखाने वाला मीडिया आज गर्द में चला गया है. जैसे ही आप टीवी चालू करेंगे और किसी भी समाचार चैनल पर नजर डालेंगे तो आपको नफरत और उसने वाले समाचार और डिबेट ही देखने मिलेंगे. मीडिया का काम होता है जनता के लिए जनता के मुद्दों को सत्ता के सामने रखना. परंतु आज उल्टा हो रहा है. अगर आप सरकार के सामने किसी भी मुद्दो को उठाने की कोशिश करेंगे तो गोदी मीडिया उन मुद्दों को लेकर आपको ही कटघरे में खड़ा करके खुद सरकार की और से बोलने लगेगा.
सरकार को एडवाइजरी क्यो जारी करनी पड़ी ???
हाल ही में सरकार द्वारा एडवाइजरी जारी हुई है की मीडिया जूठ फैलाना और नफरत पर डिबेट के साथ साथ गलत समाचारों को हवा न दे.
कुछ चैनलों के शो के नाम भी दिए गए है जिसमे अक्सर भड़काऊ डिबेट ही होते रहते है. फिर चाहे वो हिंदू, मुस्लिम पर हो या भारत पाकिस्तान पर हो या किसी पॉलिटिकल पार्टी पर डिबेट कर रहे हो. कुछ चैनल तो प्राइवेट होते हुए भी आपको पता चल जायेगा की ये हर दम सरकार के पक्ष में ही रहेगा. इसलिए तो उनको अब गोदी मीडिया कहा जा रहा है.
टीआरपी के चक्कर में भड़काऊ कार्यक्रम दिखाए जा रहे है...!
आप सब जानते ही है की चैनलों और अखबारों का धंधा सिर्फ और सिर्फ और सिर्फ सरकार के द्वारा और व्यापारियों के द्वारा मिल रही एडवर्टाइज पर ही चलता है. सरकारी एडवर्टाइज मिलने के लिए प्रोसीजर करने के बाद भी कई कंडीशन के अंतर्गत काम करना होता है. बिजनेस वालो की एडवर्टाइज लेने के लिए टीआरपी रेटिंग का बड़ा महत्व होता है. मतलब की आपकी रेटिंग के हिसाब से बिजनेसमैन आपको एडवर्टाइज देते है. मार्केट में आपके टीवी और अखबारों को कितने लोग देखते है, कितने लोग पढ़ते है, किस समय पर आपका शो देखा जाता है उस हिसाब से एडवर्टाइज देते है.
अब खेल शुरू हो रहा है टीवी समाचार चैनलों का, खुद के टीवी के शो ज्यादा लोग देखे और टीआरपी ज्यादा मिले इसके लिए टीवी पर कई सालो से भड़काऊ डिबेट चलाए जा रहे है. कभी भी किसी भी बड़े नेताओं के अपमान किए जा रहे है, फिर चाहे वो जिंदा हो या स्वर्गवासी हो गए हो. क्योंकि पैसे के चक्कर में गोदी मीडिया ने शर्म को भी बेच खाया है.
जूठी खबरे चलाने में भी गोदी मीडिया अव्वल कंबर पर है. कई बार खबरों पर फेक्ट चेक आते रहते है. ये खबर जूठ चलाई गई, और क्यो चलाई गई ये भी दिखाया गया पर प्रशासन की और से कोई एक्शन अभी तक किसी भी गोदी मीडिया पर नही लिया गया.
जूठ कैसे फैलाते है ???
पहले जब समाचार चैनलों की संख्या कम थी तब चैनलो के पत्रकारों द्वारा दी गई खबर को अहमियत देकर उसी खबर को सच मानकर खबर चलाई जाती थी. खबरे काम इकठ्ठा करनेका काम पत्रकार करते थे और उस खबर को जनता तक पहुंचाने kr लिए स्टूडियो में बैठे एंकर काम करते थे.
पर अब सोशल मीडिया के युग में कोई भी चैनल किसी भी प्लेटफार्म से वीडियो या स्टोरी उठाकर अपने हिसाब से चलाने लगता है. ये भी नही सोचते की ये खबर सही है या गलत, इस खबर से जनता पर क्या असर पड़ेगा, बस उनको तो अपने टीआरपी से मतलब जो है. भड़काऊ समाचार दिखाने से अगर चैनल पर व्यू ज्यादा मिल रहे है तो वैसी ही खबर बार बार चलाते रहते है.
किस किस पर भड़काऊ न्यूज चलाते रहते है...
कई महीनो से मतलब जब से यूक्रेन और रशिया का युद्ध शुरू हुआ कुछ चैनल तो शुरू से युद्ध में उतर चुके है, यहां तक की विदेश की धरती पर रिपोर्टर खुद नाचते हुए रिपोर्टिंग करते हुए दिखाई देते है..
क्योंकि तमाशे पर व्यू ज्यादा मिलते है.
पर समाचार की विश्वसनीयता कितनी ये कोई नही देख रहा. कुछ मीडिया ने तो तीसरे विश्वयुद्ध की तैयारी भी करवा दी और कुछ के परमाणु हमले भी करवा दिए. ऐसे गलत न्यूज चलाने से व्यू तो मिल जायेंगे पर चैनल की विश्वसनीयता का क्या ? ये कभी किसी ने नही सोचा.
हिन्दू - मुस्लिम डिबेट करवाकर लोगो के माहौल बिगाड़ने की कोशिश
हर दिन सुबह से शाम तक कही पर भी एक चैनल पर आपको हिंदू मुस्लिम पर डिबेट देखने मिल ही जायेंगे. डिबेट में कुछ व्यक्ति भी फिक्स होते है जो अपने हिसाब से अपना अपना पक्ष रखते है. देखने वालो को ऐसा दिखाने की कोशिश भी की जाती है की ये बुरा है और ये अच्छा है. उसी वजह से माहौल खराब हो रहा है.
अपने निजी फायदे के लिए गोदी मीडिया के संपादक कब तक देश में जहर घोलते रहेंगे ??? इन पर रोक के साथ साथ कड़ी कार्यवाही की भी जरूरत है. माना कि सबको अपने अपने हिसाब से व्यापार करने की स्वतंत्रता और अधिकार है, पर देश के लोगो के वैमनस्य फैलाकर व्यापार करने की छूट किसी को नहीं मिलनी चाहिए.
Journalist
Jammagar
शानदार लिखा है और एक सच्चाई से लोगों को अवगत कराया है
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