पार्टी का झंडा मुफ्त मिलेगा, पर तिरंगे के लिए पैसा लगेगा....!

 पार्टी का झंडा मुफ्त मिलेगा, पर तिरंगे के लिए पैसा लगेगा....!

आज पूरे देश में आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. उस तर्ज पर केंद्र सरकार द्वारा हर घर तिरंगा लगाने का आयोजन किया गया है. वैसे तो तिरंगा कुछ तय की गई जगह पर और तय किए गए समय पर ही लगाया जाता था. पर इस बार उस नियमो में बदलाव किए गए है, अब जनता कही भी, किसी भी समय पर और किसी भी मटीरियल से बने तिरंगे को अपने घर, ऑफिस, व्यापारी संस्थानों पर लगा सके ऐसा आयोजन किया गया है.




तिरंगा अभियान के तहत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा हर जगह तिरंगा (पैसे लेकर) बेचने के लिए दुकानें भी खोल दी गई है. जिससे आम जनता को तिरंगा खरीद करने में आसानी रहे. हालाकि देखने वाली बात ये है की एक देश एक टैक्स की बात करने वाली सरकार में हर शहर, हर जिले में तिरंगे के दाम अलग अलग है....?


चुनाव में राजकीय पार्टी का झंडा घर घर और हर चौराहे पर लगाने वाली राजकीय पार्टी भाजपा आज केंद्र में सत्तारूढ़ है, सरकार द्वारा तिरंगा अभियान तो चलाया जा रहा है पर वो भी जनता के पैसे से...!


चुनाव के समय भाजपा द्वारा हर घर, हर गली, हर मोहल्ले, हर चोक पर पार्टी के पैसे से या चुनाव लड़नेवाले उम्मीदवार के खर्च से पार्टी का झंडा लगाते रहते है, कार्यालय खोलने का खर्च, कार्यकर्ताओं को खिलाने पिलाने का खर्च, मंडप लगाने का खर्च, चुनावी रैलियों में भीड़ जुटाने का खर्च, वोटरों को वोट डालने के लिए ले जाने के लिए खर्च आदि खर्च करते है, पर आज जब बात देश की आजादी के 75 साल पूरे होने की खुशी मनाने का मौका है और भाजपा शासित केंद्र सरकार ने इस आजादी के अवसर पर पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया है, तब कोई भी विधायक, सांसद अपने पैसे से जनता के लिए तिरंगा खरीदकर जनता को देने के लिए या जनता के घर पर लगाने के लिए तैयार नहीं हो रहे...!


क्यो भाई ???

जब चुनाव होते है, और आपकी पार्टी को सत्ता चाहिए तो आप जबरदस्ती भी आपकी पार्टी के झंडे कही भी लगा देते है और तब जनता के पास पैसे भी नहीं मांगते, तो आज आजादी के मौके पर जनता के पैसे से उत्सव मनाने की जरूरत क्यों पड़ गई ????




वैसे भी जब से कोरोना काल आया है तब से व्यापार में मंदी का माहौल है, कई व्यापार बंद हो चुके है, आम आदमी महंगाई से परेशान हो चुका है और रोज कमाकर खाने वाला अपने परिवार का पेट नहीं भर पा रहा तो तिरंगे खरीदने के लिए पैसा कहा से लायेगा ये किसी ने सोचा है ???


तिरंगा तो उनको भी फहराना है जिनके पास अपना खुद का घर नही है पर तिरंगा फहराने के लिए घर कहा से लाए ??? मोदीजी ने कहा था 2022 तक हर नागरिक के पास अपना पक्का घर होगा पर ये बात भी तो जुमला साबित हुई, क्योंकि अभी भी लाखो, करोड़ों लोगो को अपना पक्का घर नही मिला, या पैसे न होने की वजह से घर नही खरीद पाए. इसे में आजादी के अमृत महोत्सव पर जनता के पैसे से उत्सव मनाना सही मायने में उत्सव होगा क्या ????


ये में नही पर आम आदमी भी जानना चाहते है की आप किस बात का उत्सव मना रहे है ???


सरकार की योजना की निष्फलता का मनाना चाहिए जैसे नोटबंदी फेल, GST में अभी भी व्यापारी परेशान हो रहे है. कश्मीर में आम लोग भी प्लॉट खरीद सकेंगे कह कर धारा 370 नाबूद तो कर दी पर आज तक पलायन किए गए कश्मीरियों को भी विस्थापित नही कर पाए. उज्ज्वला योजना के तहत फ्री सिलिंडर तो दे दिए पर उसमे से करोड़ों ग्राहक ऐसे है जिसने एक बार सिलिंडर लेने के बाद दूसरी बार कभी सिलिंडर को रिफिल ही नही करवाया. फ्री वेक्सिन और फ्री राशन के नाम पर चुनावो में प्रचार किए गए और अब खुद मोदीजी फ्री की रेवड़ी देने वालो पर प्रहार कर रहे है.


महंगाई के नाम पर अन्ना हजारे के कंधे पर 2014 का चुनाव तो जीत लिया पर आज महंगाई डायन नही पर डार्लिंग बन चुकी हो ऐसा प्रतीत होने लगा है. सुई से लेकर शमशान की लकड़ी तक सभी चीजों के दाम आसमान छू रहे है, पर इस महंगाई को लेकर न तो अन्ना हजारे आंदोलन कर रहे है, और ना ही मोदीजी कुछ बोलने के लिए तैयार है. महंगाई के बारे में विपक्ष चर्चा करने के लिए सदन में आवाज उठाए तो चर्चा करने की बजाय विपक्षी सांसदों को सस्पेंड कर दिया जाता है ताकि वो जनता की परेशानियों को सदन के जरिए देश की जनता तक न पहुंचा पाए.



गजब का अमृतकाल चल रहा है, जहा आज आम आदमी जहर खाने के लिए मजबूर हो चुका है.


उत्सव किस बात का ???

क्या हमे बेरोजगारी से आजादी मिली ? 

क्या हमे भ्रष्टाचार से आजादी मिली ?

क्या नोट बंदी से काले धन से आजादी मिली ?

क्या बेटियो को हबशखोरो से आजादी मिली ???

क्या व्यापारियों को अधिकारियों की परेशानियों से आजादी मिली ??

क्या हमे महंगाई से आजादी मिली ????


तिरंगा हमारी शान है...


तिरंगा हमारी शान है तिरंगे के लिए सम्मान हर एक भारतीय को होना चाहिए पर वो सिर्फ दो दिन के दिखावे के लिए नही. क्योंकि इस तिरंगे को फहराने के लिए आजादी के शहीदों ने अपना खून पशिना बहाया है तब जाकर हमे आजादी मिली है. इसलिए तिरंगा अगर आप फहराए तो उनके मान सम्मान का ख्याल अवश्य रखे ताकि आजादी के लिए शहीद हुए नौजवानों की आत्मा और शहीदों के परिवार की भावनाए आहत न हो...


जय हिंद








कल्पेश रावल

पत्रकार एवं संपादक

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