9 साल की मोदी सरकार की नाकामिया...

 9 साल की मोदी सरकार की नाकामिया...




2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार का गठन हुआ उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने जनता से बड़े बड़े वादो की बौछार की थी, जनता को बड़े बड़े सपने दिखाए थे पर वो सपने मुंगेरीलाल के हसीन सपने समान साबित हुए...




क्या क्या वादे किए गए थे ????


मोदीजी ने वादे किए थे की केंद्र में अगर भाजपा की सरकार आई तो विदेश से काला धन वापस लाएंगे, हर भ्रष्टाचारियों को जेल में डालेंगे, किसानों की आय दुगनी हो जायेगी, 2022 तक सबको अपना खुद का घर मिलेगा, 100 स्मार्ट सिटी बनाएंगे, महंगाई कम करेंगे आदि... पर आज के समय में वास्तविकता क्या है ?????


Demonetisation के बाद क्या हुआ ??? और नोट बंदी के समय पर क्या कहा था ????


मोदी सरकार ने नोट बंदी ( नोट बदली) करने का अचानक फैसला कर दिया और रात 8 बजे सूचना दे दी की 1000 और 500 ₹ के नोट रात 12 बजे के बाद बंद हो जाएंगे...!


उदेश क्या था ???


मार्केट में जो काला धन है उनको बैंको में जमा करवाना, डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना, डुप्लीकेट करंसी को बंद करवाना...


हुआ क्या ????


ना काला धन कही से वापस आया, ना डिजिटल क्रांति का सपना पूरा हुआ ऊपर से सरकार ने RBI के द्वारा 2000 और 500 ₹ के नए नोट मार्केट में चलन के लिए डाल दिए...! नोट बदली का अचानक से एलान होने के बाद हर आम आदमी और पूंजीपति अब कोई परेशान हुआ. क्योंकि आम आदमी के पास जो थोड़े बहुत पैसे 500 एवं 1000 के नोट में बचाकर रखे थे उनको बदलने के लिए लाइन में लगना पड़ा और इसी चक्कर में कई लोगो के परिवार की हालत खराब हो चुकी थी. किसी की शादी में दिक्कतें पैदा हो गई, कोई अपने परिवार को पैसे नही पहुंचा पाए, अस्पताल में पुराने नोट नही लेने से कई परेशान हुए और कई लोगो की जान जाने की भी खबर चली थी....


किसानों की दुगनी आय की बजाय क्या हुआ ???


सरकार द्वारा किसानों के लिए नए कानून लाने की बात से किसान सहमत नही थे, किसानों ने आंदोलन किया तकरीबन एक साल से ज्यादा समय तक आंदोलन चला जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था. इसी आंदोलन में तकरीबन 700 के करीब किसानों की जान चली गई. फिर भी सरकार ने आज तक किसानों की मांगों को स्वीकार नहीं किया है. किसानों की हालत आज भी ऐसी है की कभी भी आंदोलन फिर से शुरू कर सकते है.

ना किसानों की आय दुगनी हुई, ना फसलों के सही दाम मिल रहे है, ना फसल बीमा पूरा मिल रहा है. मतलब किसान आज भी वही का वही है.


GST लाने के वक्त क्या कहा था ????


केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जब GST लाया गया तब बड़ी बड़ी बाते की गई थी और कहा गया था की इससे व्यापारियों को लेन देन में आसानी रहेगी, एक देश एक टेक्स से जनता और व्यापारी दोनो को फायदा मिलेगा...


हुआ क्या ???


जबसे GST लगना शुरू किया गया तब से लेकर आज तक व्यापारी तो अभी भी उसी उलझन में फंसे हुए है, कई व्यापारियों को तो अभी तक GST समझ भी नही आ रहा. खुद सरकार ने कई बार GST के नियमों में बदलाव किया था. जीएसटी की वजह से आम आदमी और छोटे व्यापारी हर कोई परेशान है.

क्योंकि GST लगने से आम आदमी का खर्च बढ़ गया. जो चीज 100 ₹ में मिल रही थी उस पर 5% 18% 28% जीएसटी लगने से वो चीज 105, 118, और 128 ₹ तक पहुंच गई...

व्यापारी जीएसटी के नियमो और अलग अलग चीजों पर अलग अलग टेक्स की वजह से परेशान है क्योंकि हर चीज का अलग अलग जीएसटी के हिसाब से अलग अलग कागजी हिसाब रखना पड़ता है और अगर कागज समय पर नहीं पहुंचे तो पेनल्टी अलग से...!


2 करोड़ रोजगार का वादा...


मोदी सरकार ने 2014 में 2 करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा किया था पर आज तक एक साल में कभी इतने रोजगार का वादा पूरा नहीं किया गया.

बेरोजगारी से पीड़ित शिक्षित बेरोजगार करोड़ों युवा जब जब सरकारी भरती का आयोजन होता है उसमे नोकरी के लिए आवेदन तो करते है, पर या तो एक्जाम रद्द हो जाते है या तो job ऑर्डर पर रोक लगा दी जाती है... जिससे नासीपास होकर युवा कुछ न कुछ छुटमुट काम करने लगता है.

उसको भी मोदीजी ने पकौड़ा, पान, पंचर आदि के रोजगार का नाम देकर वाह वाही बटोरी पर पढ़े लीखे यूवाओ को रोजगार नही मिला.


महंगाई कम करने का वादा भी जुमला ही निकला

 2014 से पहले अन्ना हजारे द्वारा महंगाई के खिलाफ केजरीवाल एंड कंपनी को साथ लेकर आंदोलन हुआ उसी आंदोलन का फायदा मोदी सरकार ने उठाया और बहुत हुई महंगाई की मार, अब की बार मोदी सरकार के नारे के साथ प्रचार शुरू कर दिया और जनता झांसे में आ गई. जनता ने भरोसा कर के भर भर के वोट भी दे दिए.


पर हुआ क्या ???


जब से केंद्र में मोदी सरकार आई एक के बाद एक करके हर चीजों के दाम में बढ़ोतरी होती गई आटे से लेकर दूध और जूते से लेकर शमशान की लकड़ी तक महंगी होती गई. जनता को फिर दूसरी बार 2019 में नया झांसा दिया गया की अच्छे दिन चाहिए तो थोड़ा सब्र करो अभी तो सिर्फ 5 ही साल हुए है.

जनता ने फिर भरोसा किया फिर दुगनी ताकत से मोदीजी ने अच्छे दिन के नारो को बुलंद किया. पेट्रोल पंप पर अच्छे दिन आयेंगे वाले बैनर से पर्चा किया गया.

फिर भी आज 9 साल के बाद अंधभक्तों के साथ साथ भोली और आम जनता अच्छे दिनों का इंतजार ही कर रही है. पर शायद उनको पता नही के अच्छे दिन आयेंगे सिर्फ पूंजीपतियों के, आम जनता के लिए तो अच्छे दिन आयेंगे भी जुमले ही थे...


कश्मीर से 370 हटाकर क्या पाया ???

कश्मीर से 370 हटाते वक्त कहा गया की 370 हटने से देश का आम आदमी भी कश्मीर में प्लॉट खरीद पाएंगे, कंपनिया अपने प्लांट लगाएगी तो कश्मीर में रोजगार भी बढ़ेगा, पर्यटक बढ़ेंगे. पर आज तक न किसी ने प्लॉट खरीदा, ना किसी ने प्लांट लगाया...

क्योंकि बंदी से आतंकवाद बंद हो जाएंगे ऐसा कहा थाया था पर आज भी हर दिन कश्मीर से आतंकी घटना की खबरे बंद नही हुई और हमारे जवान शहीद होते रहते है.


पेट्रोल डीजल के आसमान छूते दाम...


भारत की जनता को विदेश से आ रहे क्रूड ऑयल में हो रही दामों की कमी का फायदा भी नही मिल पा रहा. क्योंकि सरकार कभी अपनी तिजोरी भर रही है तो कभी डीलर और कंपनियों के नुकसान भरपाई कर रही है, उसी वजह से जनता को महंगे पेट्रोल और डीजल खरीदने पड़ रहे है, जनता आखिर करे तो क्या करे ???

बाबा रामदेव ने मोदी सरकार का प्रचार करके कहा था की अगर मोदीजी की सरकार आएगी तो पेट्रोल 30 ₹ लीटर मिलेगा. अब बाबा भी खो गए और मोदीजी भी सुन नही रहे.








कल्पेश रावल

पत्रकार एवं संपादक 



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