ये राजनीति किस और जा रही है ???

 राजनीतिक कार्यकर्ताओं और कुछ जाहिलों को छोड़ दिया जाए तो इस देश का एक बड़ा वर्ग है जो पनौती, पप्पू, नीच, पचास करोड़ की गर्लफ्रेंड, जर्सी गाय जैसे संबोधन से विचलित होता है। 


इस तरह का पोस्टर जब सत्तारूढ़ पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से पोस्ट होता है तो लगता है कि राजनीति में इतनी फूहड़ता आ गई है कि अब भाषागत शुचिता की उम्मीद ही मुर्खता है।

क्या ऐसे ही न्यू इंडिया का सपना देखा था हमने ???


Kalpesh Raval 


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